हमारे देश में अनेक महापुरुष ज्ञानी बुद्धिजीवी पैदा हुए हैं जो अपने कार्यों से भारत का नाम रोशन किया है| हमारे देश में ऐसे अनेकों अनेकों लोग हैं, जिन्होंने अपनी पूरी जिंदगी मानवता और देश विकास, सेवा ,मानव उद्धार में लगा दिया|
उनका पूरा जीवन गौरव और अच्छे कार्यों से पूर्ण रहा वहीं इनकी कहानी हमेशा युवाओं के लिए प्रेरणा स्रोत बनी रहेगी इन महान विभूतियों के इनके महान कार्यों के लिए भारत सरकार की ओर से सम्मान दिया गया और यह हमेशा दिया जाता रहेगा जिसका नाम है भारत रत्न |आइए जानते हैं भारत और के बारे में-
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भारत रत्न क्या है ?
भारत रत्न भारत का सर्वोच्च नागरिक पुरस्कार है |
भारत रत्न की स्थापना कब हुई ?
भारत रत्न की शुरुआत 2 जनवरी 1954 ईस्वी में तत्कालीन राष्ट्रपति श्री राजेंद्र प्रसाद जी द्वारा की गई |
भारत रत्न किसे और क्यों दिया जाता है?
भारत रत्न भारत के राष्ट्रपति द्वारा दिया गया 1 पदक और प्रशस्ति पत्र होता है यह देश के प्रधानमंत्री की सिफारिश पर राष्ट्रपति द्वारा प्रदान किया जाता है|
वर्ष 2011 के पहले तक यह कला, संस्कृति एवं विज्ञान के क्षेत्र में उत्कृष्ट प्रदर्शन करने वाले लोगों को दिया जाता था परन्तु वर्ष 2011 में संशोधन के बाद किसी भी क्षेत्र में विशेष सेवा और अच्छा प्रदर्शन करने वाले लोगों को दिया जाता है|
भारत रत्न कितने लोगों को दिया जा सकता है?
भारत रत्न 1 वर्ष में अधिकतम 3 लोगों को दिया जा सकता है और यह जरूरी नहीं कि भारत रत्न प्रत्येक वर्ष दिया जाए |
भारत रत्न किसे दिया जाता है ?
भारत रत्न योग्यता आधारित पुरस्कार है यह पुरस्कार भारत देश के किसी भी व्यक्ति को किसी भी क्षेत्र में विशेष कार्य के लिए दिया जाता है
यह पुरस्कार किसी भी व्यक्ति को चाहे वह किसी भी धर्म ,जाति ,संप्रदाय ,लिंग का हो दिया जा सकता है
भारत रत्न विदेशी व्यक्तियों को दिया जाता है या नहीं ?
भारत रत्न विदेशी व्यक्तियों को भी दिया जा सकता है क्योंकि इसका कोई लिखित प्रमाण नहीं है कि भारत रत्न केवल और केवल भारतीय लोगों को ही दिया जाएगा
अभी तक दो तीन विदेशी लोगों को यह पुरस्कार दिया जा चुका है- 1.अब्दुल गफ्फार खां 2. नेलसन मंडेला 3. मदर टेरेसा |
भारत रत्न का डिजाइन क्या है ?
पहले भारत रत्न 33 मीमी गोलाकार स्वर्ण पदक रूप में था जिसमें सामने की ओर सूर्य था और ऊपर भारत रत्न लिखा था नीचे की ओर पुष्प हार और पीछे अशोक स्तंभ राष्ट्रीय चिन्ह बना था और सत्यमेव जयते लिखा था |
अब भारत रत्न पुरस्कार कास्य से निर्मित है जिसकी आकृति पीतल की पत्ती के आकार की होती है इसके ऊपर की ओर सूर्य और ठीक नीचे भारत रत्न लिखा है पीछे की ओर अशोक स्तंभ का चिन्ह और सत्यमेव जयते लिखा है राष्ट्रीय प्रतीक, सूर्य और पदक के किनारे प्लेटिनम के बने हैं यह पदक 5.8 सेमी लंबा 3.4 मीमी मोटा एवं 4 रस्ता सेमी चौड़ा है| इसे सफेद धागे के साथ गले में पहनाया जाता है |
भारत रत्ना पदवी ?
भारत रत्न कोई पदवी नहीं है यह केवल एक सम्मान सूचक देश का सर्वश्रेष्ठ पुरस्कार है इसे पदवी के तौर पर कोई व्यक्ति अपने नाम के साथ इस्तेमाल नहीं कर सकता है |
भारत रत्न सर्वप्रथम किसे दिया गया?
भारत रत्न सर्वप्रथम 1954 ईस्वी में सर सी वी रमन, चक्रवर्ती राजगोपालाचारी , सर्वपल्ली राधाकृष्णन को दिया गया|
भारत रत्न मरणोपरांत दीया जाता है ?
सबसे पहले भारत रत्न मरणोपरांत नहीं दिया जाता था 1955 के बाद से यह मरणोपरांत भी दिया जाने लगा|
मरणोपरांत भारत रत्न पाने वाले सबसे पहले व्यक्ति लाल बहादुर शास्त्री जी थे अभी तक 12 लोगों को मरणोपरांत भारत रत्न दिया जा चुका है |
भारत रत्न पुरस्कार में कितना राशि दिया जाता है?
भारत रत्न प्राप्त करने वाले व्यक्ति को किसी भी प्रकार का राशि नहीं दिया जाता है परंतु भारत सरकार द्वारा उन्हें निश्चित सुविधाएं प्रदान की जाती हैं
1.भारत रत्न पाने वाला व्यक्ति को सरकारी कार्यक्रमों में वरीयता दी जाती है |
2.जीवन पर्यंत एयर इंडिया में मुफ्त यात्रा की सुविधा दी जाती है|
3.विदेश यात्रा के दौरान भारतीय दूतावास द्वारा उचित सुरक्षा और व्यवस्था दिया दिया जाता है| 4 4.भारत रत्न से सम्मानित व्यक्ति को डिप्लोमेटिक पासपोर्ट किया जाता है |
5.सम्मानित व्यक्ति यदि किसी राज्य में जाता है तो वह उस राज्य का अतिथि होता है तथा राज्य सरकार उसका अतिथि के रूप में स्वागत एवं उचित व्यवस्था करती है|
भारत रत्न पर विवाद क्यों हुआ ?
मोरारजी देसाई द्वारा 1977 से 1980 तक इस पुरस्कार पर लोग रोक लगा दी गई थी 1980 में कांग्रेस ने शुरू किया
फिर इसकी वैधता को लेकर सवाल उठने लगे और मामला सुप्रीम कोर्ट में चला गया ,1992 से 1995 तक किसी को भी भारत रत्न पुरस्कार नहीं दिया गया | फैसला आने के बाद फिर से यह यथावत दिया जाने लगा|
भारत रत्न वापस लिया गया?
1992 में नेताजी सुभाष चंद्र बोस को मरणोपरांत भारत रत्न देने की घोषणा की गई किंतु उनकी मृत्यु पर विवाद के कारण भारत सरकार ने यह पुरस्कार वापस ले लिया पुरस्कार वापस लिए जाने का यह इकलौता उदाहरण है|
क्या आप जानते हैं?
भारत रत्न पाने वाले सबसे कम उम्र के व्यक्ति सचिन तेंदुलकर हैं जिनको खेल के क्षेत्र में उत्कृष्ट प्रदर्शन हेतु यह पुरस्कार दिया गया था|
भारत रत्न पुरस्कार विजेता व वर्ष
क्र.स. | भारत रत्न विजेता | वर्ष |
1 | डा. सी वी रमन | 1954 |
2 | डा. सर्वपल्ली राधाकष्णन् | 1954 |
3 | सी राजगोपालाचारी | 1954 |
4 | सर मोक्ष गुंडम विस्वशरैया | 1955 |
5 | डा. भगवानदास | 1955 |
6 | जवाहर लाल नेहरू | 1955 |
7 | गोविन्द बल्लभ पन्त | 1957 |
8 | . महार्षि डा. धोंडो केशव कर्वे | 1958 |
9 | राजर्षि पुरुषोत्म दास ठंडन | 1961 |
10 | डा. विधान चन्द्र राय | 1961 |
11 | डा. राजेन्द्र प्रसाद | 1962 |
12 | डा. जाकिर हुसैन | 1963 |
13 | डा. पांडुरंग वामन काणे | 1963 |
14 | लाल बहादुर शास्त्री (मरणोपरांत) | 1966 |
15 | इंदिरा गांधी | 1971 |
16 | बराहगिरी बेंकेटगिरी | 1975 |
17 | कुमार स्वामी कामराज (मरणोपरांत) | 1976 |
18 | मदर टरेसा | 1980 |
19 | आचार्य विनोबा भावे | 1983 |
20 | खान अब्दुल गफ्फार खान | 1987 |
21 | मुरूथुर गोपालन रामचन्द्रन् (मरणोपरांत) | 1988 |
22 | डा. भीमराव अम्बेडकर | 1990 |
23 | नेल्सन मंडेला | 1990 |
24 | सरदार बल्लभ भाई पटेल (मरणोपरांत) | 1991 |
25 | मोरार जी देसाई | 1991 |
26 | राजीव गांधी (मरणोपरांत) | 1991 |
27 | मौलाना अब्दुल कलाम आजाद (मरणोपरांत) | 1992 |
28 | JRD TATA | 1992 |
29 | सत्यजीत रे | 1992 |
30 | डा. एपीजे अब्दुल कलाम आजाद | 1997 |
31 | अरूणा आसफ अली (मरणोपरांत) | 1997 |
32 | गुलजारी लाल नंदा (मरणोपरांत) | 1997 |
33 | एम एस सुब्बु लक्ष्मी | 1998 |
34 | चिदम्बरम सुब्रम्णयम | 1998 |
35 | जय प्रकाश नारायण | 1998 |
36 | पं. रवि शंकर | 1999 |
37 | प्रो. अमर्त्य सेन | 1999 |
38 | गोपीनाथ बारदोलाई | 1999 |
39 | उत्साद बिस्मिल्लहा खान | 2001 |
40 | लता मंगेश्कर | 2001 |
41 | भीम सेन जोशी | 2008 |
42 | चिंतामणि नागेश रामचन्द्र राव | 2014 |
43 | सचिन तेंदुलकर | 2015 |
44 | अटल बिहारी बाजपेयी | 2015 |
45 | मदन मोहन मालवीय | 2015 |
46 | नानाजी देशमुख | 2019 |
47 | प्रणब मुखर्जी | 2019 |
48 | भूपेन हजारिका | 2019 |
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